सवाल-जवाब
यदि आप किसी को रोटी खिलाते हैं तो उसका सिर्फ एक दिन पेट भरेगा, लेकिन आप उसे रोटी बनाने का तरीका सीखा देते हैं तो जिंदगी भर पेट भरेगा - श्री राजीव दीक्षित जी
आयुर्वेद एक शाश्वत एवं सातत्य वाला शास्त्र है, जिसकी नींव भारतीय संस्कृति और दर्शन के गहरे आयामों में स्थापित है। इसकी उत्पत्ति सृष्टि के रचयिता श्री ब्रह्माजी से मानी जाती है और इसे मानव जीवन के लिए प्रकृति का उपहार माना जाता है। आयुर्वेद का मूल उद्देश्य व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ बनाना है। इसमें कहा गया है कि निरोगी होकर जीवन व्यतीत करना ही सच्चा धर्म है, क्योंकि स्वास्थ्य के बिना जीवन में किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति संभव नहीं है। यह शास्त्र न केवल रोगों के उपचार पर बल देता है, बल्कि जीवनशैली, आहार-विहार, और मनोबल को संतुलित रखने के सिद्धांत भी सिखाता है। आयुर्वेद में पंचमहाभूत, त्रिदोष, धातु, और मल जैसे मूल तत्वों के संतुलन को स्वास्थ्य का आधार माना गया है, जिससे व्यक्ति दीर्घायु और सुखी जीवन जी सके।
यदि आप किसी को रोटी खिलाते हैं तो उसका सिर्फ एक दिन पेट भरेगा, लेकिन आप उसे रोटी बनाने का तरीका सीखा देते हैं तो जिंदगी भर पेट भरेगा - श्री राजीव दीक्षित जी